इसका सिद्धांत ये था कि जहाँ ये प्रयोग होगा वहाँ Crime, Violence, Accidents, and Illness, यानि , अपराध , हिंसा , दुर्घटना , और बीमारियों कि दर कम हो जायेगी, इसका सिद्धांत ये है जंहा जनसंख्या के 1% लोग समाज कल्याण हेतु ध्यान करेंगे वहा एक सकारात्मक उर्जा वलय तैयार होगी और उस शहर में 16% क्राइम रेट कम हो जाएगी।
प्रयोग के निष्कर्ष में वैज्ञानिकों ने यही परिणाम पाया!
जब 100 लोग एक साथ साधना करते है तो उत्पन्न लहरें 5 कि.मी. तक फैलती है और नकारात्मकता नष्ट
कर सकारात्मकता का निर्माण करती है।
आईस्टाईन ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कहा था के, एक अणु के विघटन से लाखों अणुओं का विघटन होता है, इसीको हम अणु विस्फोट कहते है। यही सूत्र हमारे ऋषि, मुनियों ने हमें हजारो साल पहले दिया था।
आज पृथ्वी पर केवल 4% लोग ही ध्यान करते है, लेकिन बचे 96% लोगो को इसका पॉजिटिव इफेक्ट होता है। अगर हम भी लगातार 90 दिनो तक ध्यान करे तो इसका सकारात्मक प्रभाव हमारे और हमारे परिवार पर दिखाई देगा। अगर पृथ्वी पर 10% लोंग ध्यान करनें लगे तो पृथ्वी पर विद्यमान लगभग सभी समस्याओं को नष्ट करने की ताकत ध्यान में है। उदारहण के लिए हम बात करे तो महर्षि महेश योगी जी ने सन् 1993 में वैज्ञानिकों के समक्ष यह सिद्ध किया था।।
हुआ यू कि उन्होने वॉशिंगटन डि सी में 4000 अध्यापको को बुलाकर एक साथ ध्यान (मेडिटेशन) करने को कहा और चमत्कारीक परिणाम यह था कि शहर का क्राईम रिपोर्ट 50% तक कम हुवा पाया गया।
वैज्ञानिकों को कारण समझ नहीं आया और उन्होनें इसे "महर्षि इफेक्ट" यह नाम दिया। यह ताकत है ध्यान मे। इसलिए आओ हम सब ध्यान करें. और अपने बच्चों को ध्यान सिखाए। ओर पृथवि पर प्रेम, शांति, ओर भाइचारे की तरंगे फेलाये ।।
संदर्भ - गूगल पेज
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